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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने की शराब नीति पर CBI जांच की मांग, एलजी ने 11 अधिकारीयों को किया निलंबित

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नई दिल्ली। शराब नीति को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पहली बार स्वीकार किया कि दिल्ली सरकार को नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत ‘हजारों करोड़ रुपए’ का नुकसान हुआ है। इसके लिए उन्होंने पूर्व एलजी पर आरोप लगाया, जिन्होंने 17 नवंबर 2021 से लागू हुई नई व्यवस्था पर अंतिम क्षण में यू-टर्न ले लिया।
उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को ठीक तरीके से लागू होने से रोक कर किस तरह से कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया। इसकी शिकायत मैंने सीबीआई को की है। जो नई एक्साइज पॉलिसी मई 2021 में पास की गई उसमे तय किया गया कि हर इलाके में बराबर शराब की दुकानें होंगी, जबकि पहले एक जगह पर 20 दुकानें तक थी जबकि कुछ जगहों पर बिल्कुल नहीं थी।

शनिवार को सिसोदिया के आरोपों के कुछ मिनट बाद, एलजी कार्यालय ने बताया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त, आईएएस अधिकारी आरव गोपी कृष्ण और दानिक्स अधिकारी आनंद कुमार तिवारी, उप आबकारी आयुक्त सहित 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। अधिकारियों के खिलाफ ‘निलंबन और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की विजिलेंस को मंजूरी दे दी है।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि नई एक्साइज पॉलिसी को तब के एलजी साहब के पास गई उन्होंने बहुत ध्यान से पढ़ा, इस पॉलिसी में साफ लिखा था कि मौजूदा 849 से ज्यादा नहीं हो सकती। पूरी दिल्ली में हर इलाके में दुकान समान रूप से होंगी। अनधिकृत कॉलोनी में भी दुकान होंगी। एलजी साहब ने इसको पूरा पढ़कर मंजूरी दी। पॉलिसी तो एलजी साहब ने मंजूर कर दी, कोई आपत्ति नहीं की। जब दुकानें खोलने की फाइल एलजी साहब के पास पहुंची तो एलजी ऑफिस में अपना स्टैंड बदल दिया। नवंबर के पहले हफ्ते में दुकानें खोलने का प्रस्ताव एलजी साहब के पास पहुंचा। नवंबर में उन्होंने नई शर्त लगा दी कि अनधिकृत कॉलोनी में दुकान खोलने के लिए DDA, MCD की मंजूरी लेनी होगी।

इसी के साथ मनीष सिसोदिया ने कहा कि जबकि पहले ऐसा नहीं होता था बस एलजी हाउस से मंजूरी चाहिए होते थे। इसकी वजह से लाइसेंस लेने वालों को बहुत नुकसान हुआ। बहुत को नुकसान हुआ क्योंकि एलजी साहब ने निर्णय बदला। इसके बाद लाइसेंस धारक कोर्ट पहुंच गए क्योंकि उनकी दुकान ही नहीं खुल पाई जबकि कुछ दुकानदारों को बहुत फायदा हो गया क्योंकि बहुत सी दुकान खुली ही नहीं। एलजी के स्टैंड बदलने से सरकार को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। 48 घंटे पहले फ़ैसला बदला गया। मेरे ख्याल से LG के स्टैंड बदलने से करीब 300 से 350 दुकान नहीं खुल पाई।

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