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वैश्विक बाजार में बागवानी उत्पादों की मांग, परियोजनाओं के लिए 2100 करोड़ रुपए की मंजूरी

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नई दिल्ली। वैश्विक बाजार में बागवानी उत्पादों की मांग बढ़ रही है। बागवानी बोर्ड कृषि उत्पादों के निर्यात में बागवानी उपज की हिस्सेदारी बढ़ाने लिए बागवानी खेती की राह में बाधा बनने वाले नियमों में सुधार करने जा रहा है। इसमें सबसे पहले बागवानी से जुड़ी परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए निर्धारित समय सीमा 8 महीने को घटाकर न्यूनतम मात्र 45 दिन करेगा। यह अहम फैसला राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की बैठक में किया गया है।

इस दौरान, बागवानी बोर्ड की सबसे बड़ी समस्या गुणवत्ता वाले पौध की नर्सरी तैयार करने पर चर्चा के बाद इसके लिए 2100 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी गई। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की बैठक में किसानों को बागवानी परियोजनाओं की मंजूरी की प्रक्रिया सरल की जाएगी। मंजूरी प्रक्रिया भी दो चरणों के बजाए अब एक ही बार में संपन्न हो जाएगी। प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल कर दिया जाएगा, जिसमें कम से कम दस्तावेज फाइल करने की जरूरत होगी। इससे बागवानी उत्पादों की खेती को जहां बल मिलेगा वहीं देश से बागवानी उत्पादों के निर्यात में तेज वृद्धि होगी।

देश में कई तरह के पौधों का आयात करना पड़ता है। इस चुनौती से निपटने के लिए ही घरेलू नर्सरियों को विशेष तरजीह देने पर बल दिया गया। उदाहरण के तौर पर आयल पाम की खेती के लिए नई पौध का आयात करना पड़ रहा है। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान बागवानी उत्पादों का कुल निर्यात फिलहाल अनाज वाली फसलों के मुकाबले कम है, जिसे बढ़ाने के लिए सरकार पूरी ताकत से जुटेगी। हालांकि कृषि क्षेत्र में हार्टिकल्चर (बागवानी) फसलों की उपज की विकास दर बहुत तेज है। कुल कृषि उत्पादन के मुकाबले हार्टिकल्चर का उत्पादन लगभग बराबर है। लेकिन निर्यात में इसकी हिस्सेदारी कम से जिसे बढ़ाने की दिशा में बोर्ड तेजी से काम कर रहा है।

वैश्विक बाजार में भारतीय हार्टिकल्चर उत्पादों की भारी मांग है, जिसका लाभ उठाने के लिए हार्टिकल्चर बोर्ड ने रणनीति तैयार की है। बोर्ड की बैठक में जैविक व प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए नया वर्टिकल सृजित किया गया है, जिसमें जैविक क्षेत्र की सभी योजनाओं की निगरानी को बढ़ाया जाएगा। उत्पादों के मूल्यवर्धन की श्रृंखला विकास किया जाएगा। इसके लिए जरूरी बुनियादी ढांचे का तरजीह दी जाएगी। निदेशक मंडल लंबित ऐसे सभी मसलों को तत्काल मंजूरी दी गई। बैठक में हार्टिकल्चर के क्लस्टर विकास कार्यक्रम की प्रगति पर भी चर्चा हुई। इसके लिए आने वाले आवेदनों पर जल्दी फैसला लिया जाएगा।

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