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किडनी बेचने वाले गिरोह में शामिल डॉक्टर समेत 10 लोगों को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे किडनी रैकेट का पर्दाफाश किया है जो सोशल मीडिया के माध्यम से चलाया जा रहा था।
हौज खास थाना पुलिस ने इस रैकेट के 10 सदस्यों को अब तक गिरफ्तार किया है। इसमें शामिल एक डॉक्टर दिल्ली के बड़े हॉस्पिटल में प्रैक्टिस कर रहा था। इन सभी आरोपियों को दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड तीन राज्यों से पकड़ा गया है।

माना जा रहा है कि पुलिस के हत्थे चढ़े इस गिरोह की जानकारी गुरुवार को शेयर की जाएगी। उधर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक किडनी डोनर्स के नाम से जो पेज बनाए गए थे, उन पेज पर जो लोग भी सम्पर्क करते थे, उनकी आर्थिक स्थिति का पहले पता लगाया जाता था। इसके बाद उन्हें रुपये का लालच देकर किडनी देने के लिए तैयार किया जाता था।

सूत्रों की मानें तो इस गैंग ने किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए सोनीपत के गोहाना में एक अस्पताल बना रखा था। वहीं पर गुपचुप तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट की जाती थी। माना जा रहा है कि इस गिरोह का शिकार देशभर में काफी लोग हो चुके थे। मामले को लेकर हौजखास थाने में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच आरंभ की और आरोपियों को 1-1 कर गिरफ्तार करने के बाद उनसे पूछताछ कर रही है और पूरे नेटवर्क पर से पर्दा उठाने में जुटी है। आरोपियों के खिलाफ पुलिस काफी सुराग एकत्र कर लिए हैं। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने पर इस बारे में जानकारी शेयर की जाएगी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस गैंग के तार हरियाणा सोनीपत से जुड़े हुए है, जहां एक ऑपरेशन थिएटर में किडनी निकाली जाती थी। ये किडनी डोनेट करने वाले लोगों को तो ज्यादा रकम नहीं देते थे, लेकिन किडनी के जरूरतमंदों को मोटी कीमत पर लाखों रुपये में बेचते थे। इस गिरोह के गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर पुलिस इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में छापेमारी कर रही है। माना जा रहा है कि आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

किडनी गिरोह कैसे करता था शिकार

दिल्ली पुलिस का दावा है कि पिछले छह महीने में ही ये गिरोह 14 लोगों को टारगेट कर चुका था. मामले में जल्द ही कुछ और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

गिरोह फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी फर्जी नाम से अकाउंट बनाकर किडनी बेचने का गोरखधंधा चला रहा था।
दिल्ली के साउथ दिल्ली डिस्ट्रिक्ट के हौज खास थाने में एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने सबसे पहले तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक शख्स एम्स के पास उन लोगों के ब्लड और अन्य टेस्ट कराता था, जिनकी किडनी निकाली जानी होती थी। फिर सोनीपत के गोहाना में ले जाकर किडनी निकाली जाती थी।

आरोपियों ने सोनीपत में एक ऑपरेशन थिएटर बना रखा था। यहां से पुलिस ने चार ऐसे लोगों को बचाया जिनकी किडनी निकाली जानी थी।
साउथ दिल्ली की डीसीपी बेनिता मेरी जयकर के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कुलदीप रे विश्वकर्मा उर्फ केडी (46), सर्वजीत जैलवाल (37), शैलेश पटेल (23), मोहम्मद लतीफ (24), बिकास उर्फ विकास (24), रंजीत गुप्ता (43), डॉक्टर सोनू रोहिल्ला (37), डॉक्टर सौरभ मित्तल (37), ओम प्रकाश शर्मा (48) और मनोज तिवारी (36) शामिल हैं।

बिकास उर्फ विकास रंजीत के माध्यम से गोहाना, सोनीपत के लिए ट्रांसपोर्ट और रहने का इंतजाम कराता था. रंजीत गुप्ता पश्चिम विहार में उन लोगों को रखता था, जिन्हें किडनी निकालने के लिए सोनीपत ऑपरेशन थियेटर में ले जाना होता था।
सोनू रोहिल्ला गोहाना में उस सेटअप का मालिक है। वहीं, डॉक्टर सौरभ मित्तल दिल्ली के एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रैक्टिस करता है। कुलदीप रे इस रैकेट का मास्टरमाइंड होने के साथ ही ओटी टेक्निशियन भी था।

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