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Delhi Blast : आतंकी हमले में UAPA के तहत मामला दर्ज, 4 व्यक्ति गिरफ्तार

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नई दिल्ली (एजेंसी)। 10 नवंबर 2025 को लाल किले के पास हुए धमाके की जांच तेज हो गई है। दिल्ली पुलिस, एनआईए (NIA) और एनएसजी (NSG) की संयुक्त टीमों ने इसे स्पष्ट रूप से एक आतंकी हमला घोषित कर दिया है। आतंकी हमले के मामले में गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज हो गया है। पुलिस ने 4 व्यक्तियों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है।प्रारंभिक जांच में आईईडी (Improvised Explosive Device) का इस्तेमाल पुष्टि हुई है, जो एक हाइundai i20 कार में छिपाया गया था।

इस हमले में 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 40 लोग घायल हुए हैं। यह ब्लास्ट एक कार में हुआ था, उस कार का नंबर (HR26CE7674) ये है। इस धमाके में आसपास का इलाका और कई वाहन भी चपेट में आए हैं। DCP नार्थ ने मीडिया को बताया कि लालकिला ब्लास्ट मामले में यूएपीए और एक्सप्लोसिव एक्ट में दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पुलिस ने हर बिंदु पर गहनता से जांच कर रही है।

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दिल्ली पुलिस ने आधिकारिक रूप से पुष्टि कर दी है कि लाल किला के सामने कार में हुआ धमाका आतंकी घटना ही थी। लॉ एंड ऑर्डर रवींद्र सिंह यादव ने इसकी पुष्टि की है। अब केस की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी करेगी या स्पेशल सेल इस पर विचार किया जा रहा है। आज शाम तक केस की जांच किसी एजेंसी को सौंप दी जाएगी। रवींद्र सिंह यादव ने यह भी साफ कर दिया है कि दिल्ली में हुए धमाके का फरीदाबाद लिंक होने की पुष्टि हो गई है। उधर, लोक नायक अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था सख्त है। इमरजेंसी के मुख्य गेट को बंद किया गया है। इसी अस्पताल में घायलों को भर्ती कराया गया था।

सोमवार शाम 6:52 बजे हुआ धमाका

14 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में धमाका हुआ है। इससे पहले वर्ष 2011 में हाई कोर्ट के गेट के पास हुआ था विस्फोट
आतंकी वारदात की आशंका
धमाके की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि चार किमी दूर तक आवाज सुनाई दी
हरियाणा नंबर की जिस आइ-20 कार में धमाका हुआ, वो वार-बार बिकी थी
घटनास्थल से करीब 250 मीटर दूर तक कारों के पाटर्स जा गिरे
लाल किला के सामने चांदनी चौक की तरफ कई दुकानों के शीशे टूट गए
धमाके की तीव्रता और मलवे का स्वरूप दर्शाता है कि उच्च तीव्रता वाला था विस्फोटक
इसमें RDX का प्रयोग हुआ हो, न कि सामान्य ईंधन रिसाब से हुआ विस्फोट

सुरक्षा उपाय
हाई अलर्ट: दिल्ली मेट्रो, लाल किला, IGI एयरपोर्ट पर CISF तैनाती बढ़ी। यूपी, मुंबई, हरियाणा में चेकिंग।
अंतरराष्ट्रीय एंगल : JeM के पाकिस्तान लिंक की पड़ताल, ISI से संभावित संबंध।
सोशल मीडिया: अफवाहें फैलाने वालों पर कार्रवाई। कुछ पोस्ट में नफरत फैलाने के आरोप।

जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की स्थापना और प्रमुख नेता

जैश-ए-मोहम्मद JeM की स्थापना 2000 की शुरुआत में मौलाना मसूद अजहर ने की, जो हारकत-उल-मुजाहिदीन (HuM) के पूर्व नेता थे। जैश-ए-मोहम्मद (JeM) एक पाकिस्तान स्थित दाऊबंदी इस्लामवादी जिहादी संगठन है, जो मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है। इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करके पाकिस्तान में मिलाना है, और इसे कश्मीर को भारत के मुसलमानों को ‘मुक्ति’ का द्वार मानता है। JeM को पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) का कथित समर्थन प्राप्त है, और यह तालिबान, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा (LeT), हिजबुल मुजाहिदीन और हारकत-उल-मुजाहिदीन जैसे समूहों से जुड़ा हुआ है।

इसका मुख्यालय पाकिस्तान के बहावलपुर में है, और यह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल तथा ऑपरेशन तुपक का हिस्सा है। JeM को पाकिस्तान (2002), रूस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, भारत, न्यूजीलैंड, यूएई, यूरोपीय संघ, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा संयुक्त राष्ट्र (अक्टूबर 2001) द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है।

अपहरण के बाद भारतीय हिरासत से रिहा

अजहर को दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 814 के अपहरण के बाद भारतीय हिरासत से रिहा किया गया था। यह अपहरण कंधार (अफगानिस्तान) में तालिबान और पाकिस्तानी अधिकारियों के समर्थन से हुआ, जिसमें अजहर के अलावा अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जर्गर को भी रिहा किया गया।
अजहर ने कराची के जामिया उलूम-उल-इस्लामिया में तालिबान संस्थापक मुल्ला उमर के साथ प्रशिक्षण लिया था। रिहाई के बाद ISI ने उन्हें पाकिस्तान ले जाकर फंडरेजिंग टूर पर भेजा। संगठन के अधिकांश सदस्य HuM से आए, जिनमें से कई अल-कायदा के अफगानिस्तान कैंपों में प्रशिक्षित थे। मसूद अजहर का नेतृत्व नाममात्र का है, और संगठन परिवार-आधारित संरचना पर चलता है।

प्रमुख नेता

अब्दुल रऊफ अजहर (मसूद के भाई): IC 814 अपहरण में शामिल, 2010 में अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित।
अब्दुल रऊफ असगर (एक अन्य भाई): 2007 में कार्यकारी नेता, सुसाइड हमलों में शामिल।
शाहिद लतीफ: कमांडर, 2023 में हत्या।
2010 में अमेरिकी ट्रेजरी ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया।

 

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