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सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती देगी कांग्रेस

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा किये जाने के बाद कांग्रेस नाराज़ है। अब कांग्रेस ने इसे चुनौती देने की तैयारी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक, आदेश में निर्धारित आधारों को चुनौती देने वाली याचिका इस सप्ताह दायर की जाएगी। इससे पहले दोषियों की रिहाई के खिलाफ केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर चुकी है।

राजीव गांधी हत्याकांड में शामिल छह दोषियों की रिहाई के फैसले को चुनौती देते हुए जल्द ही उच्चतम न्यायालय में कांग्रेस नया पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। बता दें कि शीर्ष अदालत ने नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार की अपराधियों की सजा में छूट की सिफारिश के आधार पर ये आदेश दिया था।

दोषियों की रिहाई के 10 दिन बाद कांग्रेस ने कहा है कि वह राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। कांग्रेस ने 6 हत्यारों की रिहाई को “दुर्भाग्यपूर्ण” और “अस्वीकार्य” करार दिया था। वहीं, राजीव गांधी हत्याकांड मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। केंद्र की ओर से मामले में दोषियों को रिहा करने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि पूर्व पीएम की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार को भी सुनना चाहिए था।

सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को राजीव हत्याकांड में जेल की सजा काट रहे छह आरोपियों को 31 साल तक जेल में रहने के बाद रिहा करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की ओर से अपराधियों की सजा में छूट की सिफारिश के आधार पर यह आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद नलिनी श्रीहरन के अलावा आर पी रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार जेल से बाहर आ गए थे। इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य दोषी एजी पेरारिवलन को आर्टिकल 142 का हवाला देते हुए रिहा किया था।

21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में चुनावी रैली के दौरान एक महिला आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया था। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी मारे गए थे। महिला की पहचान धनु के तौर पर हुई थी। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें पेरारिवलन, मुरुगन, संथन, रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और नलिनी श्रीहरन शामिल थे।

वहीं, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चार दोषियों की मौत की सजा को कम करने का समर्थन किया था। पूर्व  पीएम की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी एक आरोपी से मुलाकात की थी और उसे माफ कर दिया था।  हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने गांधी परिवार से असहमति जताई है और कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

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