-‘वसुंधरा राजे ने कांग्रेस सरकार गिराने का समर्थन नहीं किया’
-‘कांग्रेस विधायकों से पैसे वापस लौटाने को कहा’
नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज एक कार्यक्रम में कांग्रेस के सचिन पायलट गुट पर हमला किया और साथ ही बीजेपी को भी निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि, जब भैरो सिंह शेखावत की सरकार थी और वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे तब शेखावत की सरकार गिराने के लिए बीजेपी वाले उनके पास आए थे, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। उन्होंने सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा कि, जब मेरी सरकार गिराने की बारी आई तो शोभा रानी, वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने मेरी मदद की।
गहलोत ने रविवार को दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो अन्य नेताओं ने कांग्रेस विधायकों द्वारा वर्ष 2020 में किए गए बगावत के दौरान उनकी सरकार बचाने में मदद की थी। उन्होंने कांग्रेस के बागी विधायकों पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्हें भाजपा से लिए गए पैसे वापस करने चाहिए ताकि वे बिना किसी दबाव के अपना काम कर सकें।
गौरतलब है कि गहलोत के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने जुलाई 2020 में उनके नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद महीने भर का संकट समाप्त हो गया था। इसके बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था।
धौलपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल तथा एक अन्य भाजपा विधायक शोभरानी कुशवाहा के समर्थन के कारण उनकी सरकार बच सकी। उन्होंने दावा किया, ‘जो संकट आया हमारे ऊपर… केन्द्रीय मंत्री अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान, गजेन्द्र शेखावत इन सबने मिलकर षडयंत्र किया.. पैसे बांट दिये राजस्थान के अंदर भी… पैसे वापस ले नहीं ले रहे हैं वो लोग… मुझे चिंता लगी हुई है… पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं वो… वापस क्यों नहीं मांग रहे है इनसे (विधायको से) पैसा।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने यहां तक कह दिया हमारे विधायकों को जिससे पैसा लिया है मान लो 10 करोड़ लिया है… 20 करोड़ लिया है जो भी लिया है… और आपने कुछ खर्च कर दिया हो… वो खर्च किया हुआ हिस्सा मैं दे दूंगा… कांग्रेस (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) से दिलवा दूंगा।’
अशोक गहलोत ने विधायकों से अमित शाह को पूरा पैसा वापस लौटाने को कहा। उन्होंने कहा,‘..उनका (अमित शाह का) पैसा मत रखो.. उनका पैसा रखोगे.. हमेशा अमित शाह आप पर दबाव बना कर रखेंगे.’ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘वो गृहमंत्री भी हैं.. वो धमकाएंगे, डराएंगे.. जैसे वो गुजरात में करते हैं…..महाराष्ट्र में धमका कर शिवसेना के दो टुकडे कर दिए.. 25 विधायकों को ले गए.. बहुत खतरनाक खेल खेलते हैं अमित शाह.’ उन्होंने कहा ‘मैंने विधायकों को कहा है.. तुमने गलती कर दी कोई बात नहीं… चलो माफ किए.. तुमने खर्च कर दिया….दो करोड़, मुझे बता दीजिये वो मै खाना पूर्ति कर दूंगा।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को कहकर, मैं आपका पैसा वापस करवा दूंगा… उनका पैसा वापस कर दो आप लोग.. ताकि दबाव नहीं रहे आप लोगों पर और ईमानदारी से काम कर सको….मै पूरा साथ दूंगा आपका.’ उन्होंने कहा कि ‘मुझे सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने तीन बार मुख्यमंत्री बना दिया तो मेरी ड्यूटी बनती है कि मैं पुरानी बात भूलकर सबको साथ लेकर चलूं… और पार्टी को विधानसभा चुनाव में वापस जीता कर वापस लाऊं।’
गहलोत ने कहा कि जैसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते उन्होंने पूर्व भैरों सिंह शेखावत सरकार को गिराने का समर्थन नहीं किया था क्योंकि यह अनुचित था, उसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने 2020 में कांग्रेस सरकार को गिराने का समर्थन नहीं किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाह ने भी उनकी बात सुनी और पार्टी का समर्थन नहीं किया। धौलपुर विधायक कुशवाहा ने पिछले साल राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गृह क्षेत्र में रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वहां एक महंगाई राहत शिविर का भी निरीक्षण किया।
अशोक गहलोत का यह बयान सचिन पायलट गुट पर हमले के साथ-साथ बीजेपी में दरार पैदा करने की कोशिश वाला बयान माना जा रहा है। गहलोत ने 2020 में कांग्रेस सरकार के खिलाफ बगावत की जानकारी देने के लिए कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा, चेतन डूडी और दानिश अबरार की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ये तीन विधायक, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस की सदस्यता लेने वाले छह विधायकों और निर्दलीय विधायकों ने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान उनका समर्थन किया था और उनकी सरकार को बचाया था।
गहलोत ने कहा कि सरकार में मंत्री बनने के असली हकदार ये लोग थे, लेकिन वह उन्हें मंत्री के रूप में नियुक्त नहीं कर सके क्योंकि उसके कुछ राजनीतिक कारण थे और वह इसके लिए दुखी महसूस कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने जुलाई 2020 में गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद महीने भर से चला आ रहा संकट समाप्त हो गया था।