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नूंह में ब्रजमंडल यात्रा बैन कर प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा में कराया जलाभिषेक

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-कड़ी सुरक्षा के बीच नूंह में सन्नाटा पसरा रहा, विहिप नेता, साधु-संतों ने प्रमुख मंदिरों में की पूजा

-लोगों ने एक समूह को प्रतिबंधों के खिलाफ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पुतला जलाया।  

-जलाभिषेक कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न 

नूंह (हरियाणा)।  हरियाणा के नूंह में विश्व हिंदू परिषद (VHP), सर्वजातीय हिंदू महापंचायत और बजरंग दल के आह्वान पर हिंदू संगठन सोमवार को पैदल ब्रजमंडल यात्रा नहीं निकाल पाए। प्रशासन ने उन्हें धार्मिक यात्रा आयोजित करने की अनुमति नहीं दी। जिला प्रशासन ने 51 लोगों को पुलिस सिक्योरिटी के बीच 3 गाड़ियों में ले जाकर पहले नलहरेश्वर मंदिर में जलाभिषेक कराया। उसके बाद इन लोगों को गाड़ियों में ही फिरोजपुर झिरका के रास्ते सिंगार स्थित राधाकृष्ण मंदिर पहुंचाया गया। तीनों जगह जलाभिषेक के बाद यात्रा का समापन हो गया।

प्लाजा के पास ही आमरण अनशन

सोमवार को नूंह के ऐतिहासिक नलहरेश्वर मंदिर में बाहरी लोगों को एंट्री नहीं दी गई। सिर्फ स्थानीय लोगों को लोकल ID दिखाने के बाद जलाभिषेक के लिए जाने की परमिशन दी गई। नूंह में दिनभर कर्फ्यू जैसा माहौल रहा। बाजार, स्कूल-कॉलेज सब बंद रहे। जिले में धारा 144 लागू है। जलाभिषेक के लिए अयोध्या से आए संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज को पुलिस-प्रशासन ने गुरुग्राम-सोहना टोल पर ही रोक दिया और नूंह जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। इसके विरोध में उन्होंने प्लाजा के पास ही आमरण अनशन शुरू कर दिया।

सोमवार को मीडिया को नलहरेश्वर मंदिर से 1 किमी दूर रोक दिया गया। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि हमारे पास ऐसा इनपुट है कि मंदिर के आसपास के इलाकों में हिंसा की तैयारी की गई है। इस वजह से किसी बाहरी व्यक्ति को मंदिर में जाने इजाजत नहीं दी गई।

हिंदूवादी संगठनों के कुछ नेताओं को हिरासत में लिया गया

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेतृत्व वाले संगठनों ने 31 जुलाई को रोकी गई धार्मिक यात्रा को ‘फिर से शुरू’ करने का आह्वान किया था। उस दिन भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद नूंह और उसके आसपास के इलाकों में हुई सांप्रदायिक झड़पों में दो होमगार्ड और एक इमाम सहित छह लोग मारे गए थे।  पुलिस ने स्पष्ट किया कि श्रावण माह के आखिरी सोमवार को यात्रा ‘पूरी’ करने की अनुमति नहीं दी गयी है। वहीं आयोजकों ने भी संकेत दिया कि वे अपनी योजनाओं में कटौती करेंगे।

राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि स्थानीय लोग इस अवसर पर मंदिरों में ‘जलाभिषेक’ कर सकते हैं, लेकिन किसी भी यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। नूंह जिले की सीमा पर बैरिकेड लगा दिए गए और बाहरी लोगों को आने की अनुमति नहीं दी गई। इस दौरान शहर में सन्नाटा पसरा हुआ था।  इससे पहले दिन में ऐसी खबरें थीं कि गुरुग्राम से सटे इलाके में हिंदूवादी संगठनों के कुछ नेताओं को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने उनकी संख्या नहीं बताई, लेकिन कहा कि शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई की गई है। प्रशासन ने केवल करीब 15 संतों और हिंदू संगठनों के नेताओं को नूंह जिले में प्रवेश की अनुमति दी। उन्हें नूंह पुलिस लाइन से मूल यात्रा मार्ग पर नल्हड़, झिर और सिंगार में तीन मंदिर ले जाया गया और उन्हें चार वाहनों में वापस लाया गया।

नल्हड़ में पहले मंदिर और सिंगार में तीसरे मंदिर के बीच की दूरी करीब 90 किलोमीटर है। एक धार्मिक नेता ने कहा कि करीब 100 स्थानीय लोग उनके साथ थे। नूंह या आसपास के जिलों में शाम तक हिंसा की कोई खबर नहीं थी। हालांकि, एक वीडियो ऑनलाइन सामने आया, जिसमें लोगों के एक समूह को प्रतिबंधों के खिलाफ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पुतला जलाते हुए देखा जा सकता है।

खट्टर ने रविवार को भक्तों से कोई यात्रा आयोजित करने के बजाय अपने आसपास के मंदिरों में पूजा करने को कहा था। उन्होंने यह भी कहा था कि यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी गई है। नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि लगभग 15 साधु- संतों और कुछ हिंदूवादी संगठनों के नेताओं को नल्हड़ स्थित शिव मंदिर जाने की अनुमति दी गई. उन्होंने एक बयान में कहा कि जलाभिषेक कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) ममता सिंह ने कहा कि नल्हड़, झिर और सिंगार में तीन मंदिरों में करीब 15 लोगों को जलाभिषेक की अनुमति दी गई थी। जलाभिषेक में विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, स्वामी धर्म देव, स्वामी परमानंद समेत अन्य लोग शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित हुआ।

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी जाकिर हुसैन और उनकी पत्नी नसीमा हुसैन नल्हड़ मंदिर गए. बाद में उन्होंने अपनी एक तस्वीर मीडिया को जारी की। दिल्ली-गुरुग्राम सीमा से नूंह तक पांच प्रमुख चौकियां स्थापित की गई थीं और मीडिया के वाहनों को तीसरी चौकी से आगे जाने की अनुमति नहीं थी। अधिकारियों के अनुसार, अयोध्या के संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य के वाहन को सोहना के पास गमरोज टोल प्लाजा पर रोक दिया गया।

आचार्य ने संवाददाताओं से कहा कि वह और उनके अनुयायी नल्हड़ मंदिर में जलाभिषेक के लिए सरयू नदी का जल और अयोध्या की मिट्टी ले जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस बीच, हिंदू नेता कुलभूषण भारद्वाज ने दावा किया कि हरियाणा सरकार ने हिंदू नेताओं को नजरबंद कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हिंदुओं की आस्था पर हमला है। हिंदू नेताओं को नजरबंद करके हरियाणा सरकार ने उन्हें मुगलों के शासनकाल की याद दिला दी है।”

भारद्वाज के आवास के बाहर भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए।  नूंह में रहने वाले 30-वर्षीय एक व्यक्ति ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘‘यहां कोई समस्या नहीं है. लोग यहां शांति से रहते हैं और हमने एहतियात के तौर पर अपनी दुकानें बंद कर दी हैं। हमने देखा कि पिछली बार क्या हुआ था. यहां बिना वजह डर का माहौल बनाया जा रहा है।”

नूंह जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सोमवार को शैक्षणिक संस्थान और बैंक बंद रखने का आदेश दिया था। मोबाइल इंटरनेट और ‘बल्क एसएमएस’ सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था। किसी भी बाहरी व्यक्ति को नूंह में प्रवेश की अनुमति नहीं थी और जिले के सभी प्रवेश बिंदुओं पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया थी। अर्धसैनिक बलों की 24 कंपनी के अलावा हरियाणा पुलिस के 1,900 कर्मी तैनात किए गए थे।

हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई की हिंसा में कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) की एंट्री हो गई है। ISIS ने अपनी मैगजीन ‘वॉइस ऑफ खुरसान’ का नया संस्करण जारी कर बदले की धमकी दी है। इस मैगजीन में नूंह में हुई हिंसा से लेकर ज्ञानवापी मस्जिद विवाद का जिक्र है।

प्रशासनिक तैयारी-

-शाम को नूंह के DC धीरेंद्र खड़गटा ने जलाभिषेक कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गांवों में शांति कमेटियों ने सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने में मुख्य भूमिका निभाई।

-हरियाणा की ADGP (लॉ एंड ऑर्डर) ममता सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए थे।

-ब्रजमंडल यात्रा के दौरान सोमवार को ड्यूटी पर तैनात सब इंस्पेक्टर हाकमउद्दीन की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह ​​नूंह में बड़कली चौक पर RAF टीम के साथ तैनात थे। हाकमउद्दीन नगीना थाने में बतौर एडिशनल एसएचओ तैनात थे।

-नूंह में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए। संवेदनशील इलाकों पर ड्रोन से नजर रखी गई। जिले की सारी सीमाएं एक दिन पहले ही सील कर दी गई। हरियाणा से लगने वाले दिल्ली, राजस्थान और UP बॉर्डर भी सील रहे।

-जिले के बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी और पैरामिलिट्री के जवान तैनात रहे। स्कूल-कॉलेज, बैंक और दूसरे ऑफिस बंद रहे। सरकार ने जिले में मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS सेवाओं पर सोमवार रात 12 बजे तक के लिए बैन लगा रखा है।

-मुस्लिम समुदाय ने भी सावधानी बरती। रविवार को ही जिले के गांवों में मस्जिदों से अनाउंसमेंट करा दी गई कि यात्रा के चलते सोमवार को मुस्लिम समुदाय के लोग घरों से बाहर न निकलें। गांवों में भी 4 से अधिक लोग इकट्ठे न हों। गांव से बाहर न जाएं।

-हरियाणा गोसेवा आयोग के सदस्य और नूंह BJP के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप आर्य और हरियाणा सरकार में भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता योगेश हिलालपुरिया को पुलिस ने रविवार रात की गिरफ्तार कर लिया।

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