–“मोदी सरकार, बीजेपी और आरएसएस गुप्त रूप से तानाशाही लागू करना चाहते हैं। वे भारत के लोगों पर अपनी मनुवादी मानसिकता थोपेंगे और एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकार छीन लेंगे। कोई चुनाव नहीं होगा, या दिखावटी चुनाव होंगे।-कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे
नई दिल्ली। संविधान में बदलाव को लेकर BJP सांसद अनंत हेगडे़ के बयान पर सियासी तूफ़ान खड़ा हो गया है। राहुल गांधी ने भारतीय संविधान को बदलने के मुद्दे पर भाजपा पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। अनंत हेगडे़ के बयान, ‘संविधान को नए सिरे से लिखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में BJP-NDA को 400 सीटों की जरूरत है’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा सांसद के बयान को PM नरेंद्र मोदी और ‘संघ परिवार’ के छिपे हुए मंसूबों का सार्वजनिक एलान बताया है।
‘संघ परिवार’ के छिपे हुए मंसूबों का सार्वजनिक एलान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल ने एक्स पर ट्वीट करके कहा, “भाजपा सांसद का बयान कि उन्हें 400 सीट संविधान बदलने के लिए चाहिए, नरेंद्र मोदी और उनके ‘संघ परिवार’ के छिपे हुए मंसूबों का सार्वजनिक एलान है।” उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी और भाजपा का अंतिम लक्ष्य बाबा साहेब के संविधान को खत्म करना है। उन्हें न्याय, बराबरी, नागरिक अधिकार और लोकतंत्र से नफरत है।”
राहुल ने भाजपा सरकार पर मीडिया को गुलाम बनाने और आजादी पर पहरा लगाने का आरोप लगाते हुए कहा, “समाज को बांटना, मीडिया को गुलाम बनाना, अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा और स्वतंत्र संस्थाओं को पंगु बनाकर विपक्ष को मिटाने की साजिश से वो भारत के महान लोकतंत्र को संकीर्ण तानाशाही में बदलना चाहते हैं।”
आजादी के नायकों के सपनों के षड्यंत्र को सफल नहीं होने देंगे
उन्होंने आगे कहा कि हम आजादी के नायकों के सपनों के साथ ये षड्यंत्र सफल नहीं होने देंगे और अंतिम सांस तक संविधान से मिले लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। वायनाड से सांसद राहुल ने कहा, “संविधान का हर सिपाही, विशेष रूप से दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक जागें, अपनी आवाज उठाएं भारत आपके साथ है।”
RSS गुप्त रूप से तानाशाही लागू करना चाहता है- खरगे
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हेगड़े के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर कहा, “मोदी सरकार, बीजेपी और आरएसएस गुप्त रूप से तानाशाही लागू करना चाहते हैं। वे भारत के लोगों पर अपनी मनुवादी मानसिकता थोपेंगे और एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकार छीन लेंगे। कोई चुनाव नहीं होगा, या दिखावटी चुनाव होंगे।
रविश कुमार भी उठा चुके हैं संविधान बदलने का मुद्दा
हाल ही में देश के माने जाने पत्रकार रविश कुमार ने भी संविधान बदलने का मुद्दा उठाया था, उस समय रविश कुमार ने बिबेक देबराय के लेख का हवाला दिया था। रविश ने कहा था कि संविधान बदलने की बात अभी तक आशंका की तरह देखी जाती थी और अफवाह मान कर खारिज कर दिया जाता था। लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबराय ने संविधान संसोधन पर लेख लिखा है। दरअसल, 15 अगस्त 2023 को बिबेक ओबराय का एक लेख छपा था, जिसमें उन्होंने साल 2047 के लिए एक नए संविधान की बात लिखी थी। देबराय ने लिखा था कि हमारा संविधान साल 1951 का बना है और इसमें कई सारे परिवर्तन किए जा चुके हैं।