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BJP ने पहले JDU के विधायक झटके फिर नीतीश कुमार के पीएम कैंडिडट बनने का उड़ाया मजाक

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पटना। बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू को मणिपुर में बड़ा झटका लगा है। जेडीयू के पांच विधायक शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गए। इस बीच भाजपा ने नीतीश कुमार के 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के पीएम कैंडिडट बनने की अटकलों का मजाक उड़ाया है। अमित मालवीय ने उन्हें ‘लंगड़ा मुख्यमंत्री’ बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार बिहार के साथ-साथ दूसरे राज्यों में अपनी पार्टी को कमजोर होते हुए देख रहे हैं, लेकिन वे प्रधानमंत्री बनने का सपना देखते हैं।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मणिपुर के जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पांच विधायकों के पार्टी छोड़ने पर बीजेपी (BJP) पर हमला किया। उन्होंने कहा कि, ”एक बात तो साबित हो रही है कि ये किस तरह का काम लोग कर रहे हैं। अन्य पार्टियों से लोगों को अपनी तरफ लाना और खींचना, ये काम जो लोग कर रहे हैं, क्या यह संवैधानिक चीज है? ये कोई सही काम है? इसलिए विपक्ष के सभी लोग एकजुट होंगे तो 2024 के चुनाव में देश की जनता का निर्णय बहुत अच्छा आ जाएगा। तब इन लोगों को पता चलेगा।”

नीतीश कुमार ने कहा कि, ”अभी जो हम लोगों ने निर्णय किया कि हम NDA से अलग होंगे, तो सभी राज्यों में पार्टी के लोगों से बात हो गई थ। मणिपुर के छह के छह MLA10 तारीख के बाद यहां पर आए थे और खुशी प्रकट कर रहे थे। वे हमारे साथ में थे, मिलने आए थे। अब लेकिन यह सोच लीजिए कि हो क्या रहा है? वे (बीजेपी) किसी पार्टी के जीतने वाले लोगों को किस तरह से अपनी तरफ ले रहे हैं। ”

नीतीश कुमार ने कहा कि, ”जब हम लोग एलायंस (एनडीए) में साथ थे तब किसी को बनाया, अपने यहां? कभी नहीं… और बाद में सबको अपने पास लेकर जाना है। यह कौन सा स्वभाव है? किस प्रकार का काम है? इस तरह की कोई चीज पहले से चलती रही है? एक नए ढंग से इस तरह का काम किया जा रहा है। उसमें क्या है, सभी (मणिपुर के जेडीयू विधायक) कुछ दिन पहले तो आए थे। परसों खबर की आज के बारे में, कि हम लोग आ रहे हैं। जाने दीजिए जो करता है, उससे क्या फर्क पड़ता है ?”

आपको बता दें कि भाजपा-जेडीयू के बीच चल रहे वाक युद्ध के बीच जॉयकिशन, एन सनाटे, मोहम्मद अचब उद्दीन, पूर्व डीजीपी एल एम खौटे और थंगजाम अरुणकुमार मणिपुर में भाजपा में शामिल हो गए। खौटे और अरुणकुमार ने पहले भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने की मांग की थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला था। इसके बाद वे JDU में शामिल हो गए थे।

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