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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 : प्रथम चरण में 121 सीटों पर 64.46% वोटिंग संपन्न

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पटना /नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया।सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक 64.46% मतदान होने की सूचना है। आज कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें नजर आईं। उसका ही नतीजा है कि बिहार में बीते पांच चुनावों में राज्य सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशतता की ओर बढ़ा है।

चुनाव आयोग ने मतदान को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष बनाने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए. राज्यभर में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई। संवेदनशील और अति-संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त फोर्स लगाई गई। मतदान के दौरान सभी जिलों में हवाई निगरानी के साथ-साथ ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी गई।


चुनाव आयोग के अनुसार, शाम 5 बजे तक 60.13% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया, जो 2020 के पहले चरण (56%) से अधिक है। कुल 3.75 करोड़ मतदाता इस चरण में भाग लेने के पात्र थे, जिसमें महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही। बेगूसराय जिले में सबसे अधिक 67.32% मतदान दर्ज किया गया, जबकि भोजपुर में यह 53.24% रहा। पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान के साथ ही कई सियासी दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी। तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, अनंत सिंह, मैथिली ठाकुर और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा सहित नीतीश सरकार के 16 मंत्रियों की किस्मत का फैसला पहले चरण में होगा।

यह चुनाव न केवल बिहार की 24 करोड़ आबादी के भविष्य को तय करेगा, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा के लिए भी महत्वपूर्ण परीक्षा साबित होगा। गरीबी, बेरोजगारी और पलायन जैसी चुनौतियों से जूझते बिहार में सत्ताधारी एनडीए (एनडीए) और विपक्षी महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-वाम दलों का गठबंधन) के बीच कांटे की टक्कर है। तीसरा मोर्चा जन सुराज पार्टी (प्रशांत किशोर) भी मैदान में है, जो पारंपरिक दलों को चुनौती दे रही है।

नेताओं के दावे

-बिहार के डिप्टी सीएम और तारापुर से भाजपा प्रत्याशी सम्राट चौधरी दावा करते हुए कहा कि पहले चरण में 100 सीट जीत रहे हैं। ज्यादा वोटिंग का फायदा एनडीए को।

-डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के काफिले पर हुए हमले पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “महागठबंधन के अराजक तत्वों ने कई जगहों पर लगातार ऐसी हरकतें की हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर मामले सामने आए हैं, लेकिन कई जगहों पर नहीं…उनकी निराशा अब दिख रही है क्योंकि आज हुए मतदान में NDA कम से कम 75% सीटों पर आगे है।”

महिला मतदाताओं की भागीदारी बहुत अच्छी

बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद गुंज्याल ने कहा कि, “बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। कुछ जगहों पर अभी भी मतदान जारी है और हम डेटा अपडेट कर रहे हैं। वर्तमान मतदान 64.46% है।
महिला मतदाताओं की भागीदारी बहुत अच्छी रही… मतदान के दौरान 165 बैलेट यूनिट, 169 कंट्रोल यूनिट और 480 वीवीपैट बदले गए। अंतिम डेटा प्रेस विज्ञप्ति में उपलब्ध होगा। और इस बार, हमें पहले चरण में केवल 1.21 प्रतिशत बैलेट यूनिट बदलने पड़े, जबकि 2020 के विधानसभा चुनावों में केवल 1.87 प्रतिशत EVM बदले गए थे… इसका मतलब है कि हमें इस बार कम EVM बदलने की जरूरत पड़ी।”

 दो चरणों में फैसला
चुनाव आयोग ने 6 अक्टूबर को तारीखें घोषित कीं। पहला चरण आज (6 नवंबर) 121 सीटों पर हुआ, जिसमें भागलपुर, बांका, मुंगेर, खगड़िया, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, सीतामढ़ी, मधेपुरा, सिवान, गोपालगंज, सारण, भोजपुर, रोहतास और कैमूर जिले शामिल हैं। दूसरा चरण 11 नवंबर को 122 सीटों पर होगा। मतगणना 14 नवंबर को एक साथ होगी। कुल 7.43 करोड़ मतदाता हैं, जिसमें 3.5% की वृद्धि हुई है।

शांतिपूर्ण लेकिन कुछ जगह तनाव
पहले चरण में सुबह से लंबी कतारें लगीं। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार ने पटना में मतदान किया। नीतीश कुमार ने भी वोट डाला। कुछ जगहों पर तकनीकी खराबी और भीड़ के कारण देरी हुई, लेकिन कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा। लखीसराय में आरजेडी समर्थकों के बीच हल्का तनाव की खबर आई, लेकिन पुलिस ने नियंत्रित कर लिया। सोशल मीडिया पर मतदान को ‘बदलाव का वोट’ बताया जा रहा है।

पहले चरण की प्रमुख सीटें: कांटे की लड़ाई

राघोपुर- तेजस्वी यादव (आरजेडी) बनाम एनडीए।
महुआ- तेज प्रताप यादव (आरजेडी)।
तारापुर-सम्राट चौधरी (भाजपा)।
मधेपुरा – चंद्रशेखर प्रसाद (आरजेडी)।
सिवान- अवध बिहारी चौधरी (आरजेडी)।
महाराजगंज- हेमनारायण साह (जेडीयू)।

कुल 1,800 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं। कुछ नामांकन रद्द होने से स्वतंत्र उम्मीदवारों को फायदा हुआ।

दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा
जिसमें पटना, नालंदा, गया जैसी प्रमुख सीटें शामिल हैं। 14 नवंबर को रिजल्ट आने के बाद बिहार को नया सरकार मिलेगी। यह चुनाव न केवल स्थानीय मुद्दों पर, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर डालेगा। बिहार के मतदाता एक बार फिर साबित करेंगे कि यहां ‘जाति’ से ऊपर ‘विकास’ की बात होती है।

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