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भरी अदालत में दुस्साहसिक वारदात , UP सरकार फेल

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-पुलिस कस्टडी में था संजीव जीवा, वकील के भेष में बैठे हमलावर ने 4 से 5 गोलियां मारी

-कोर्ट रूम में ताबड़तोड़ फायरिंग, मजिस्ट्रेट के सामने कुख्यात संजीव जीवा ढेर- SIT गठित

लखनऊ। भरी अदालत में आज दुस्साहसिक वारदात को अपराधियों ने अंजाम दे दिया।  कैसरबाग स्थित कोर्ट में बुधवार दोपहर पेशी पर आए बदमाश संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा (48) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावर वकील की ड्रेस में आया था। उसने दोपहर 3.50 बजे 9 MM की पिस्टल से 5-6 राउंड फायरिंग की। हमले में जीवा की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक बच्ची, उसकी मां और दो पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हो गए। जीवा मुख्तार अंसारी गैंग का शूटर था। वारदात के बाद मौके से भाग रहे हमलावर को वकीलों ने पकड़ लिया। उसकी पिटाई की। पुलिस ने किसी तरह उसे छुड़ाया। हमलावर का नाम विजय उर्फ आनंद यादव है। वह जौनपुर का रहने वाला है। उस पर आजमगढ़ और जौनपुर में मुकदमे दर्ज हैं।

विजय ने जीवा की हत्या क्यों की, यह पता नहीं चल पाया है। कोर्ट बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई है। वारदात के बाद वकीलों ने पुलिस से धक्का-मुक्की की। कई पुलिसकर्मियों को गेट से बाहर निकालकर गेट बंद कर दिया। SC/ST कोर्ट रूम में मजिस्ट्रेट के सामने ही हमलावर ने कुख्यात अपराधी और माफिया मुख्तार का बेहद करीबी गैंगस्टर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा (50) को ढेर कर दिया। दो पुलिसकर्मियों, एक डेढ़ साल की बच्ची व उसकी मां को भी गोली लगी। वकीलों ने दौड़कर हमलावर को दबोच लिया और पीटकर पुलिस को सौंप दिया। घायलों को ट्रामा में भर्ती कराया गया है। वारदात से आक्रोशित वकीलों ने प्रदर्शन कर पथराव कर दिया। जिसमें ACP चौक का सिर फट गया। कई वाहन भी छतिग्रस्त हो गए। आलाधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तब हालात पर काबू पा पाए। 

घटना की जांच के लिए SIT गठित

CM योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के लिए SIT (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) बनाई है। 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है। SIT में ADG टेक्निकल मोहित अग्रवाल, नीलब्जा चौधरी और अयोध्या आईजी प्रवीण कुमार को शामिल किया गया है। वहीं, स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने कचहरी पहुंचकर मामले की जानकारी ली है। इससे पहले, 15 अप्रैल को प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या हुई थी। यानी, 53 दिन में पुलिस कस्टडी में यह तीसरी हत्या है।

पुलिस कस्टडी में था संजीव जीवा, वकील के भेष में बैठे हमलावर ने 4 से 5 गोलियां मारी

भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में आजीवन कारवास की सजा पाने वाला मुजफ्फरनगर के शाहपुर आदमपुर निवासी संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा पिछले बीस साल से जेल में बंद था। उस पर दो दर्जन केस दर्ज हैं। वह हत्या व SC/ST के एक केस में बुधवार दोपहर पुलिस अभिरक्षा में पेशी पर लाया गया था। दोपहर करीब 3:50 मिनट पर उसके केस की बारी आई। जैसे ही वह उठकर चला वैसे ही कोर्ट रूम के भीतर वकील के भेष में बैठे हमलावर ने उस पर गोलियां दागनी शुरू दीं। कोर्ट रूम से लेकर पूरे परिसर में भगदड़ मच गया। संजीव वही पर लहूलुहान होकर औंधे मुंह गिर गया। हमलावर ने भागने का प्रयास किया लेकिन वहां मौजूद वकीलों ने उसको पकड़ लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह जौनपुर के केराकत का रहने वाला है। उसका नाम विजय यादव है। वकीलों ने उसको जमकर पीटा। तभी सूचना पर कार्यवाहक पुलिस कमिश्नर, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर समेत आलाधिकारी, पुलिस बल व पीएसी के जवान पहुंचे। संजीवा को अस्पताल ले जाया गया। जहां उसको मृत घोषित कर दिया। संजीव पर विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का भी आरोप था लेकिन बाद में वह कोर्ट से बरी हो गया था।

बताया जा रहा है कि हमलावर विजय यादव से वकीलों ने हत्या की वजह पूछी तो वह सिर्फ इतना बोला कि जीवा को मारने आया था। उसे मार दिया। पुलिस को अभी तक जीवा और हमलावर का सीधा कनेक्शन नहीं मिला है। कोर्ट में सुरक्षा चूक से जुड़े सवाल पर जॉइंट सीपी ने कहा, “यह हम बाद में देखेंगे कि सिक्योरिटी लैप्स हुआ है या नहीं। फिलहाल, वारदात का खुलासा जरूरी है।”

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