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अप्रैल के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने संभावना

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने और परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी चुनाव में अभी देरी हो सकती है। इलेक्टोरल रोल के प्रकाशन में भी एक महीने की देरी होगी। चुनाव आयोग ने पब्लिकेशन को 25 अक्टूबर तक का समय दिया था। बता दें कि इलेक्टोरल रोल के प्रकाशन के बाद ही चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान करेगा। अब जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा है कि फाइनल इलेक्टोरल रोल का प्रकाशन 25 नवंबर तक किया जा सकेगा। अगस्त के आखिरी तक इसका ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा।
मुख्य चुनाव अधिकारी की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 15 सितंबर तक ड्राफ्ट रोल का प्रकाशन होगा। 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक इसपर आपत्ति की जा सकती है। बता दें कि मई में ही परिसीमन आयोग ने अपनी फाइनल रिपोर्ट सौंप दी थी। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया था।

जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस साल चुनाव होने की बहुत कम ही उम्मीद है। दिसंबर से मार्च तक जम्मू-कश्मीर के बहुत सारे क्षेत्र में बर्फबारी होती है। ऐसे में चुनाव कराना बहुत मुश्किल है। बता दें कि परिसीमन आयोग ने अपने फाइल आदेश में कहा था कि अब 83 की जगह 90 विधानसभा सीटें होंगी।

जून 2018 में भारतीय जनता पार्टी ने महबूबा मुफ्ती के साथ गठबंधन तोड़ दिया था। इसके बाद से यहां कोई चुनी हुई सरकार नहीं है। पहले यहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया था और इसके बाद जब अनुच्छेद 370को हटा दिया गया तो उपराज्यपाल की नियुक्ति की गई है। सत्यपाल मलिक के बाद मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाया गया है।

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