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जी 20 बैठक में अमित शाह बोले, साइबर क्राइम के शिकार हो रहे दुनिया के कई देश

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-‘साइबर क्राइम और डार्क नेट से रहना होगा सतर्क’ जी 20 बैठक में अमित शाह बोले- इंटरनेट के जरिए पनप रहा आतंकवाद

नई दिल्ली, एजेंसी। NFT, AIऔर मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा पहलुओं पर दिल्ली में जी-20 सम्मेलन सत्र का आयोजन हुआ। बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसका उद्घाटन किया। अमित शाह ने इस बैठक में इंटरनेट के जरिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने पर चिंता जाहिर की।NFT, AI और मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा के विषय पर उन्होंने अपनी बात रखी। साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे पर भी गृह मंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

डार्क नेट पर जताई चिंता

उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देशों पर साइबर क्राइम का खतरा मंडरा रहा है। दुनिया के कई देश साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं। अमित शाह ने आगे कहा आतंकवादी अपनी पहचान छिपाने और कट्टरपंथी विचारधारा को फैलाने के लिए डार्क वेब का उपयोग कर रहे हैं, और हमें डार्क वेब पर चल रही इन गतिविधियों के पैटर्न को समझना होगा और समाधान ढूंढना होगा।शाह ने कहा कि मेटावर्स के जरिए आतंकवादी संगठनों के लिए कमजोर लोगों को चुनना और उन्हें निशाना बनाना और उनकी कमजोरियों के अनुसार सामग्री तैयार करना आसान हो जाएगा।”

राष्ट्रीय चिंता का विषय

उन्होंने आगे कहा कि आज के समय महत्वपूर्ण व्यक्तिगत डेटा की बिक्री, ऑनलाइन उत्पीड़न और बाल शोषण जैसे अपराध हो रहे हैं। वहीं, इंटरनेट के जरिए फेक न्यूज भी काफी फैलाया जा रहा है, जो राष्ट्रीय चिंता का विषय है। अमित शाह ने आगे कहा कि आज दुनिया की सभी सरकारें शासन और लोक कल्याण में डिजिटल साधनों को बढ़ावा दे रही हैं इसलिए यह आवश्यक है कि नागरिकों को डिजिटल प्लेटफार्मों पर विश्वास हो।

गृह मंत्री अमित शाह देश के सात प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों से साइबर वालंटियर स्क्वाड को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके साथ ही साइबर सुरक्षा पर आयोजित प्रदर्शनी और सम्मेलन पदक का विमोचन करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन एनएच-48 स्थित हयात रीजेंसी में होगा। हरियाणा को ओर से आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में पहले दिन मेहमानों के लिए देसी ताने-बाने के साथ देसी अंदाज में रात्रि भोज होगा। बुधवार को पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल ने मौके पर निरीक्षण किया। इस दौरान जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव, पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन, डीसीपी ट्रैफिक बीरेंद्र विज, डीसीपी मानेसर मनबीर सिंह भी मौजूद रहे।

पंचकूला में साइबर फोरेंसिक लैब की स्थापना

2 दिवसीय सम्मेलन में 20 देशों, नौ विशेष आमंत्रित देश, अंतरराष्ट्रीय संस्था, प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विशेषज्ञ, देश व दुनिया के डोमेन विशेषज्ञ शामिल होंगे। इस सम्मेलन में लगभग 900 लोग जिले की मेजबानी में कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। सम्मेलन में हरियाणा सरकार की ओर से साइबर सिक्योरिटी कार्यक्रम और उपलब्धियों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। यह उपलब्धियां फिल्म व ब्रोशर के माध्यम से प्रदर्शित होंगी। प्रदर्शनी में पंचकूला में साइबर फोरेंसिक लैब की स्थापना, साइबर हेल्प लाइन 1930, 318 साइबर हेल्प डेस्क, 29 साइबर पुलिस स्टेशन जैसे पहलुओं का जिक्र होगा। दो समापन सत्र पर शुक्रवार को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव संबोधित करेंगे।

आखिर क्या है डार्क नेट?

बता दें कि डार्क नेट को डार्क वेब का फर्स्ट स्टेज भी कहा जा सकता है। डार्क वेब इंटरनेट का वो हिस्सा है, जहां कानूनी और गैर-कानूनी दोनों तरीके के कामों को अंजाम दिया जाता है। इंटरनेट का 96 प्रतिशत हिस्सा डीप वेब और डार्क वेब के अंदर आता है। हम इंटरनेट कंटेंट के केवल 4 प्रतिशत हिस्से का इस्तेमाल करते है, जिसे सरफेस वेब कहा जाता है।

विशेषज्ञ होंगे शामिल

कानूनी क्षेत्र, शिक्षा जगत, प्रशिक्षण संस्थान, वित्तीय संस्थान, फिनटेक, सोशल मीडिया संस्था, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, साइबर फॉरेंसिक, नियामकों, स्टार्टअप, ओवर द टॉप (ओटीटी) सेवा प्रदाताओं, ई-कॉमर्स कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले विश्वस्तरीय साइबर विशेषज्ञ और अतिथि वक्ता इसमें शामिल होंगे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रालय, संगठन और एजेंसियों के प्रतिनिधि और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिव, प्रशासक और पुलिस महानिदेशक भी भाग लेंगे।

6 तकनीकी सत्र होंगे

दो दिवसीय जी 20 सम्मेलन प्लेनरी सत्र के साथ शुरू होगा।

पहला सत्र – इंटरनेट गवर्नेंस-नेशनल रिस्पांसबिलिटी एंड ग्लोबल कॉमन

दूसरा सत्र – डिजिटलीकरण के बीच डीपीआई को सुरक्षित बनाने के लिए डिजाइन, वास्तुकला, नीतियां और तैयारी

तीसरा सत्र – विस्तारित वास्तविकता, मेटावर्स और डिजिटल स्वामित्व का भविष्य

चौथा सत्र – एआई की चुनौतियां, अवसर और जिम्मेदार उपयोग

पांचवा सत्र – नेक्टिंग द डॉटस क्रिप्टो करेंसी और डार्कनेट की चुनौतियां

छठा सत्र – आईसीटी का आपराधिक उपयोग व अंतरराष्ट्रीय सहयोग की रूपरेखा

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