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BJP की चुनावी घोषणापत्र के केंद्र में ‘विकसित भारत’ का एजेंडा

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नई दिल्ली (एजेंसी)। लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद राजनीतिक दल घोषणा पत्र तैयार करने में जुट गए है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 30 मार्च को चुनाव घोषणापत्र समिति का एलान किया था, जिसके अध्यक्ष भाजपा नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं।  BJP की 1 अप्रैल सोमवार को चुनाव घोषणापत्र समिति की पहली बैठक हुई, जिसके केंद्र में सरकार के ‘विकसित भारत’ का एजेंडा और उसकी रूपरेखा रही। आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रमुख वादों पर चर्चा करने के लिए 8 केंद्रीय मंत्रियों और 3 मुख्यमंत्रियों ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ बैठक की। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने की।

BJP ने लोकसभा चुनावों के लिए शनिवार को 27 सदस्‍यीय घोषणा पत्र समिति गठित की थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को संयोजक और गोयल को सह-संयोजक बनाया गया है। बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पार्टी को अपनी मिस्ड कॉल सेवा के माध्यम से 3.75 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐप (नमो) पर लगभग 1.70 लाख सुझाव मिले हैं।

पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘बैठक में 2047 तक विकसित भारत के खाके पर चर्चा की गई। हमारे घोषणापत्र में लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी प्रधानमंत्री में उनके भरोसे और उनसे उनकी अपेक्षाओं को दर्शाती है।”बीजेपी नेताओं ने कहा कि लोगों से प्राप्त सभी सुझावों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाएगा और फिर समिति की अगली बैठक उनपर विचार विमर्श करके छांटा जाएगा।

मोदी द्वारा गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए अपनी सरकार की प्राथमिकताओं को लगातार रेखांकित किए जाने के साथ सत्तारूढ़ पार्टी उनसे जुड़े मुद्दों को प्रमुखता दे सकती है। समिति के सह-संयोजक गोयल ने कहा कि देश के 3,500 विधानसभा क्षेत्रों में 916 वीडियो वैन भी चलाई गईं, जो लोगों तक पहुंची और घोषणापत्र के लिए उनके विचार मांगे।

समिति में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी और राजीव चंद्रशेखर के अलावा पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और कुछ पूर्व उपमुख्यमंत्री भी शामिल हैं। मुख्यमंत्रियों में गुजरात के भूपेंद्र पटेल, मध्य प्रदेश के मोहन यादव, असम के हिमंत विश्व शर्मा और छत्तीसगढ़ के विष्णु देव साय के नाम हैं। जबकि पूर्व मुख्यमंत्रियों में शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के नाम हैं।

समिति के अन्य सदस्यों में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, राधामोहन दास अग्रवाल, राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा, ओपी धनखड़, अनिल एंटनी शामिल हैं।

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए भी भाजपा की घोषणा पत्र समिति के प्रमुख थे। उस समिति के कई सदस्यों को मौजूदा समिति में फिर से जगह दी गई है।

भाजपा ने पिछले माह ही लोकसभा चुनावों के लिए अपने घोषणा पत्र को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पिछले महीने ‘विकसित भारत मोदी की गारंटी’ वीडियो वाहन को हरी झंडी दिखाई थी। इसके जरिए पार्टी लोगों के सुझाव लेगी और जो उसे उपयुक्त लगेगा उसे घोषणा पत्र में समाहित करेगी।

गौरतलब है कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 20 सदस्यों वाली मैनिफैस्टो कमेटी बनाई थी। तब उसकी कमान तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह को ही सौंपी गई थी। इस बार भी उन्हें ही यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। कहा जा रहा है कि भाजपा अप्रैल के दूसरे हफ्ते में घोषणापत्र जारी करने की योजना बना रही है।

BJP अपने घोषणा पत्र को ‘संकल्प पत्र’ कहती है। सूत्रों के मुताबिक, 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान से पहले पार्टी अपना घोषणा पत्र जारी कर सकती है। कई दशकों में यह पहली बार है कि बीजेपी के कुछ प्रमुख वैचारिक वादों का अपने चुनावी घोषणापत्र में उल्लेख नहीं होगा।

बता दें कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए भाजपा ने राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद-370 के खात्मे, किसानों को छह हजार रुपये की सहायता, छोटे किसानों-दुकानदारों को पेंशन, एक साथ लोकसभा-विधानसभा चुनाव कराने जैसे अहम वादे किए थे। इसमें से राम मंदिर का निर्मांण और अनुच्छेद-370 को खत्म करने का वादा भाजपा सरकार पूरा कर चुकी है। वहीं, समान नागरिक संहिता लागू करने की शुरुआत उत्तराखंड से हो चुकी है। इसके अलावा, कई अन्य वादों को भी पार्टी पूरा कर चुकी है।

प्रधानमंत्री मोदी अक्सर इस बात पर जोर देते रहे हैं कि उनके तीसरे कार्यकाल में बड़े फैसले लिये जाएंगे। उन्होंने आज भी एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में जो हुआ वह तो सिर्फ ट्रेलर है। अभी तो देश को बहुत आगे लेकर जाना है, विकसित भारत बनाना है।” ऐसे में घोषणा पत्र को लेकर चर्चा जोर पकड़ रही है। लोकसभा चुनाव, सात चरणों में, 19 अप्रैल से एक जून के बीच होने हैं।

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