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अडानी ग्रुप को लेने के देने पड़ गए , रद्द हुआ FPO , निवेशकों के पैसे होंगे वापस

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नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने कारपोरेट जगत में भूचाल ला दिया है। कल तक FPO के लिए ताल ठोक रहे गौतम अडानी अब मैदान छोड़कर भाग चुके हैं।अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने फुली सबस्‍क्राइब होने के एक दिन बाद 20 हजार करोड़ रुपये का FPO (follow on public offer) वापस ले लिया है।  कंपनी ने बुधवार देर रात यह ऐलान करते हुए बताया कि “बाजार में उतार-चढ़ाव को ध्‍यान में रखते हुए उसने फॉलोआन पब्लिक ऑफर (FPO)वापस ले लिया है और वह निवेशकों के पैसे वापस लौटाएगी।”

अडानी ग्रुप ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब कंपनी अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के चलते सवालों से घेरे में है।  हिंडनबर्ग रिसर्च की इस रिपोर्ट में कंपनी पर भारी कर्जों का जिक्र करते हुए टैक्स हेवन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। अडानी ग्रुप ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, ‘कंपनी के निदेशक मंडल ने आज यानी 1 फरवरी, 2023 को हुई अपनी बैठक में, अपने ग्राहकों के हित में आंशिक रूप से पेड-अप आधार पर एक रुपये फेस वैल्यू वाले 20,000 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयरों के FPO पर आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है।’

अदानी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन गौतम अदानी ने बुधवार रात एक बयान जारी कर कहा कि दिन के कारोबार के दौरान समूह के शेयरों में उतार-चढ़ाव के बीच यह निर्णय लिया गया। गौतम अडानी ने अपने बयान में कहा, ‘बोर्ड इस अवसर पर हमारे FPO के लिए आपके समर्थन और प्रतिबद्धता के लिए सभी निवेशकों को धन्यवाद देता है। FPO के लिए सब्सक्रिप्शन कल सफलतापूर्वक बंद हो गई। पिछले सप्ताह के दौरान स्टॉक में अस्थिरता के बावजूद, कंपनी, इसके व्यवसाय और इसके प्रबंधन में आपकी श्रद्धा और विश्वास बेहद आश्वस्त और विनम्र रहा है।  धन्यवाद।

गौतम अडानी ने अपने बयान में आगे कहा, ‘हालांकि, आज बाजार अभूतपूर्व रहा है और दिन के दौरान हमारे शेयरों की कीमत में उतार-चढ़ाव देखा गया। इन असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए, कंपनी के बोर्ड ने महसूस किया कि इस FPO के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा. निवेशकों के हित निवेशक सर्वोपरि हैं और इसलिए उन्हें किसी भी संभावित वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए, बोर्ड ने FPOके साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है।’

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