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कर्नाटक के 60 विद्वान नागरिकों ने लिखा CM बोम्मई को पत्र, नफरत और सांप्रदायिक राजनीति पर लगे रोक

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बेंगलुरु। नफरत और सांप्रदायिक राजनीति को रोकने के लिए राज्य के 60 प्रबुद्ध नागरिकों ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखा है।कर्नाटक में हिजाब विवाद और मुस्लिम दुकानदारों को मेले में प्रतिबंधित होने की रिपोर्ट के बीच इन नागरिकों ने मुख्यमंत्री से राज्य में नफरत और सांप्रदायिक राजनीति की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने का आग्रह किया है। प्रबुद्ध नागरिकों ने कहा है कि मौजूदा घटनाएं राज्य में बिगड़ती स्थिति का संकेत देती है।

कर्नाटक में हिजाब का मुद्दा जोरसोर से तुल पकड़ा था। मामले पर हाई कोर्ट फैसला भी सुना चुका है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिजाब एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और सभी को स्कूल यूनिफॉर्म के नियमों का पालन करना चाहिए। फैसले के बाद, राज्य सरकार ने कहा था कि कोर्ट के फैसले का पालन नहीं करने वालों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्य में सोमवार से शुरू हुए बोर्ड एग्जाम में कुछ छात्र हिजाब पहनकर पहुंची थी, जिन्हें स्कूल में प्रवेश से वंचित कर दिया गया।

दूसरी ओर से राज्य के मुस्लिम व्यापारियों और दुकानदारों को हिंदू त्योहारों और मंदिरों में लगने वाले मेलों के दौरान विरोध का भी सामना करना पड़ा है। कई संगठनों ने मुस्लिम व्यापारियों की भागीदारी पर आपत्ति जताई थी। वहीं, कई संगठनों ने हाई कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताई थी। राज्य के विभिन्य मंदिरों के चारों ओर मुसलमानों को लेकर पोस्टर भी लगाए गए थे।
वहीं, कर्नाटक सरकार जोर देकर कहती रही है कि वो प्रतिबंध को प्रोत्साहित नहीं करती है और उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। कुछ समूहों ने मुस्लिम व्यापारियों का बहिष्कार करने वाले हिंदुओं का समर्थन भी किया है।

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