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कोरोना मरीज की मौत के मामले में 2 डॉक्टरों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज

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-डॉक्टर ने पेमेंट करने के बावजूद मरीज़ को रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं लगाया

नोएडा। कोरोना काल में देश भर से डॉक्टरों की मरीज़ों के प्रति लापरवाही बरतने की खबरें सुर्ख़ियों में थी।  अब कोरोना काल के दौरान संक्रमण से युवक की हुई मौत के मामले 2 डॉक्टरों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। पैनडेमिक पब्लिक ग्रीवेंस कमेटी के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से डिप्टी CMO के देख-रेख मे जांच करवायी गयी थी। 2 सदस्यीय जांच समिति ने 5 डॉक्टरों को इलाज में लापरवाही बरतने का दोषी पाया। डिप्टी सीएमओ की शिकायत पर इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों पर नोएडा के थाना फेज 2 में एफ.आई.आर दर्ज कराया गया है। सभी डॉक्टर यथार्थ अस्पताल के हैं। वर्तमान में दोषी चिकित्सक में से शामिल कई डॉक्टर ने अस्पताल को छोड़ दिया है अब अन्य अस्पतालों में प्रैक्टिस कर रहे हैं।   

करोना काल की दूसरी लहर के दौरान गाजियाबाद के सेक्टर 9 में रहने वाले विजय नगर निवासी प्रदीप कुमार शर्मा ने अपने 22 वर्षीय पुत्र दीपांशु शर्मा को नोएडा के सेक्टर 110 स्थित यर्थाथ अस्पताल में भर्ती कराया था। दीपांशु के दोनों फेफड़ों में गंभीर संक्रमण हुआ था और कई दिनों तक उपचार के बाद अस्पताल में ही दम तोड़ दिया था। प्रदीप कुमार का आरोप था कि डॉक्टर ने पेमेंट करने के बावजूद निर्धारित समय पर रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं लगाया था जिसके कारण उनके पुत्र की मौत हो गई थी। प्रदीप कुमार ने पैंडेमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी में शिकायत की थी। पैंडेमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी के आदेश पर CMO को मामले की जांच के लिये डिप्टी CMO डॉ टीकम सिंह, फिजीशियन डॉ हरि मोहन गर्ग की कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिये थे।  

दोनों जांच अधिकारियों की ओर से संयुक्त रूप से रिपोर्ट दी है। जिसमें कहा गया कि डॉक्टरों की ओर मरीज को निर्धारित समय पर रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं दिया गया था। इस कारण मरीज की मौत हो गई थी। नोएडा सेंट्रल ADCP साद मियां खान का कहना है कि डिप्टी CMOडॉ टीकम सिंह की शिकायत पर थाना फेज टू पुलिस ने यथार्थ हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ हेमंत, डॉक्टर दानिश, डॉक्टर इमरान, डॉक्टर संजय और मयंक सक्सेना के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा 304 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी का कहना है जांच कमेटी से सभी दस्तावेज मांगे गए हैं रिपोर्ट को आधार बनाकर दोषी डॉक्टरों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। 

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